मराठा विवाह परंपराएँ

मराठा विवाह परंपराएँ: एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत

मराठा समाज में विवाह एक पवित्र संस्कार माना जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब दो आत्माएं एक हो जाती हैं और एक नई शुरुआत करती हैं। मराठा विवाह परंपराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं और आज भी इन परंपराओं का निर्वाह किया जाता है।

मराठा विवाह की शुरुआत

विवाह की शुरुआत लड़के और लड़की के माता-पिता के बीच बातचीत से होती है।

दोनों परिवारों के बीच समझौता होने के बाद लड़के और लड़की की मुलाकात कराई जाती है।

यदि दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो विवाह की तारीख तय कर दी जाती है।

घटजोड़

मराठा विवाह में घटजोड़ एक महत्वपूर्ण रस्म है।

इसमें लड़के और लड़की के माता-पिता एक साथ बैठकर लड़के और लड़की के विवाह की बातचीत करते हैं। इस दौरान लड़के और लड़की के माता-पिता एक-दूसरे के साथ मिठाई और फल खाते हैं और विवाह की तारीख तय कर दी जाती है।

हल्दी रस्म

हल्दी रस्म मराठा विवाह की एक और महत्वपूर्ण रस्म है।

इसमें लड़के और लड़की के हाथों और पैरों में हल्दी लगाई जाती है। यह रस्म लड़के और लड़की के सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए की जाती है। प्राचीन काल से ही हल्दी का उपयोग होता आ रहा है और यह रस्म मराठा विवाह की एक महत्वपूर्ण रस्म है।

मेहंदी रस्म

मेहंदी रस्म हर एक समाज में शादी की एक विशेष रस्म होती है।

इसमें लड़की के हाथों में मेहंदी लगाई जाती है। यह रस्म लड़की के सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए की जाती है। मेहंदी का उपयोग प्राचीन काल से ही होता आ रहा है और यह रस्म एक महत्वपूर्ण रस्म है।

बरात

बरात हर शादी में एक विशेष रस्म होती है।

इसमें लड़के के दोस्त और रिश्तेदार लड़के के साथ नाचते और गाते हुए लड़की के घर पहुँचते हैं।

यह रस्म लड़के और लड़की के विवाह की खुशी में मनाई जाती है। शादी के दौरान लड़के के दोस्त और रिश्तेदार लड़के के साथ नाचते और गाते हुए लड़की के घर पहुँचते हैं और लड़की के माता-पिता का स्वागत करते हैं।

मराठा विवाह संस्कार

विवाह संस्कार मराठा शादी की सबसे महत्वपूर्ण रस्म है।

इसमें लड़के और लड़की सात फेरे लेते हैं और एक-दूसरे के साथ जीवन भर के लिए बंधन में बंध जाते हैं। विवाह संस्कार के दौरान लड़के और लड़की के माता-पिता और रिश्तेदार उन्हें आशीर्वाद देते हैं और उनके जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।

आशीर्वाद

आशीर्वाद मराठा विवाह की एक और रस्म है।

इसमें लड़के और लड़की के माता-पिता और रिश्तेदार उन्हें आशीर्वाद देते हैं और उनके जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करते हैं। लड़के और लड़की को आशीर्वाद के दौरान माता-पिता और रिश्तेदार उन्हें उपहार देते हैं और उनके जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।

मराठा विवाह परंपराएँ: संस्कृति और परंपरा का हिस्सा

मराठा विवाह परंपराएँ केवल महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रचलित हैं।

ये परंपराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं और आज भी इन परंपराओं का निर्वाह किया जाता है। मराठा विवाह परंपराएँ हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं और इनका निर्वाह करना हमारा कर्तव्य है।

ये मराठा शादी की परंपराएँ हमारे समाज की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं।

हमें इन परंपराओं का निर्वाह करना चाहिए और इनका सम्मान करना चाहिए।

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