types of marriage in india

Types of Marriage in India: भारत में विवाह के कितने प्रकार होते हैं?

भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहां अलग-अलग संस्कृतियों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का संगम देखने को मिलता है। यही विविधता शादी में भी दिखाई देती हैं। भारत में विवाह के कई प्रकार प्रचलित हैं। जो समाज, धर्म और क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होते हैं। जिनमें बहुत से ऐसे भी प्रकार के विवाह हैं, जिन पर अभी के समय में प्रतिबंध लग गया है। आइए जानते हैं भारत में विवाह के प्रमुख प्रकारों(Types of Marriage in India) के बारे में

Types of Marriage in India

1. अरेंज मैरिज ( Arrange Marriage )

अरेंज मैरिज भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित विवाह है। इसमें परिवार के बुजुर्ग या माता-पिता अपने बच्चों के लिए उपयुक्त जीवनसाथी खोजते हैं।

इस विवाह में परिवार की सहमति और समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अरेंज मैरिज में शादी के पहले लड़के और लड़की को एक-दूसरे को जानने का अवसर दिया जाता है।

भारत में अरेंज मैरिज प्राचीन काल से ही प्रचलित हैं। 

2. लव मैरिज ( Love Marriage )

लव मैरिज(Love Marriage) जिसे प्रेम विवाह के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें लड़का और लड़की एक-दूसरे को पहले से जानते हैं और प्यार करते हैं।

वे खुद अपने जीवनसाथी का चुनाव करते हैं और अपने परिवार की सहमति से विवाह करते हैं।

यह विवाह प्रकार विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रचलित हो रहा है।

वैसे आपको बता दें कि प्रेम विवाह/लव मैरिज कोई नयी बात नहीं है। इसका जिक्र प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। भगवान श्री कृष्ण ने भी प्रेम विवाह किया था। 

3. अंतर्जातीय विवाह (Inter Caste Marriage)

अंतर्जातीय विवाह में अलग-अलग जातियों के लड़का और लड़की शादी करते हैं।

यह विवाह जातिगत भेदभाव को कम करने और समाज में समानता लाने का एक प्रयास है।

हालांकि, कुछ परिवार और समुदाय इसे स्वीकार करने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।

4. अंतरधार्मिक विवाह ( Interfaith Marriage)

अंतरधार्मिक विवाह में अलग-अलग धर्मों के लोग शादी करते हैं।

इसमें दोनों पार्टनर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं या किसी एक धर्म को अपनाने का निर्णय लेते हैं।

इस प्रकार के विवाह में संस्कृति और परंपराओं का मेल होता है। जो समाज में सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देता है।

लेकिन भारत में अंतरधार्मिक विवाह काफी ज्यादा संवदेनशील विषय है। क्योंकि बहुत से लोग इस तरह के विवाह का गलत उपयोग करते हैं। 

5. न्यायालय विवाह ( Court Marriage )

न्यायालय विवाह जिसे कोर्ट मैरिज ( Court Marriage ) भी कहते हैं।

यह विवाह उन जोड़ों के लिए होता है जो कानूनी रूप से शादी करना चाहते हैं।

इसमें किसी विशेष धर्म या रीति-रिवाज की आवश्यकता नहीं होती। यह विवाह प्रकार विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो पारंपरिक विवाह के बिना कानूनी रूप से शादी करना चाहते हैं।

इसमें मुख्यतय: लड़के और लड़की की सहमति होती है।  

6. नागरिक विवाह (Civil Marriage)

नागरिक विवाह ( Civil Marriage ) एक सरकारी अधिकारी के सामने संपन्न होता है और इसमें धार्मिक अनुष्ठानों की आवश्यकता नहीं होती।

यह विवाह प्रकार विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के लिए एक सामान्य विकल्प होता है।

7. बाल विवाह ( Child Marriage )

बाल विवाह ( Child Marriage ) एक ऐसी प्रथा है जो कानूनी रूप से अवैध है। और इस पर भारत में पूरी तरह से प्रतिबंध है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में चोरी छिपे बाल विवाह होते हैं।

इसमें बच्चों की शादी उनकी क़ानूनी उम्र के अनुसार बहुत कम उम्र में कर दी जाती है।

यह समाज और बच्चों के भविष्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। और इसे रोकने के लिए सरकार और समाज मिलकर प्रयास कर रहे हैं।

बाल विवाह कराते पकडे जाने पर सजा और जुर्माने का कठोर नियम है।  

निष्कर्ष ( Conclusion )

भारत में विवाह के कई प्रकार(Types of Marriage in India) हैं। ये समाज, धर्म और प्राथमिकताओं पर निर्भर करते हैं।

हर विवाह के अपने फायदे हैं। इसके साथ ही चुनौतियाँ भी होती हैं। चयन से पहले आपसी समझ होनी चाहिए। दोनों पार्टनर और उनके परिवारों की सहमति जरूरी है।

विवाह चाहे अरेंज हो, लव हो या अंतरजातीय हो। विवाह को आपसी सम्मान, प्यार और समझ ही सफल बनाते हैं।

विभिन्न विवाह प्रकारों की जानकारी हमें हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की गहराई को समझने में मदद करती है।

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