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InterCaste Marriage and Its Benefits: जानिए अंतरजातीय विवाह के बारे में  

भारत में विभिन्न जातियों के मध्य विवाह का मुद्दा अत्यंत प्राचीन एवं गंभीर विषय है। तथा प्राचीन काल से कठोर जाति व्यवस्था मौजूद होने के कारण विभिन्न जातियों के बीच विवाह करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। दूसरे जाति में शादी करने के उपरांत अंतर्जातीय जोड़ों को सामाजिक बहिष्कार, उत्पीड़न, मौत एवं धमकियों का सामना करना पड़ता है इसलिए अंतर जाति विवाह(Intercaste Marriage) के प्रोत्साहन हेतु सरकारों के माध्यम से समय-समय पर विभिन्न प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है।

अंतर्जातीय विवाह क्या है ?(What is InterCaste Marriage?)

अंतरजातीय विवाह(Intercaste Marriage) एक ऐसा विवाह है, जिसमें स्त्री एवं पुरुष विभिन्न जातियों से आते हैं। और अपने परिवार का निर्माण करते है।
प्राचीन काल में देखा जाए तो यह विवाह गंधर्व विवाह के नाम से जाना जाता था।
अंतरजातीय विवाह को समाज में मान्यता न मिलने पर भी यह पहले की अपेक्षा अधिक हो रहे है,
वर्तमान समय में अंतरजातिय विवाह के विरोध को भी काम देखा जाता है। जातिगत भेदभाव को कम करने तथा सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देने हेतु यह विवाह एक सर्वोत्तम मार्ग के रूप में देखा जा सकता है।

भीमराव अंबेडकर…“अंतर्जातीय विवाह जाति व्यवस्था को समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

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अंतरजातीय विवाह के लाभ (Benefits of Intercaste Marriage) 

समाज में एक सफल अंतर्जातीय विवाह के हम अनेक उदाहरण देख सकते हैं। किंतु अगर अन्य विवाह की तरह अंतरजातिय विवाह को भी सामाजिक मान्यता प्रदान कर दी जाए।
तो इसके माध्यम से हम समाज की अनेक कुरीतियों एवं भ्रष्टाचारों को दूर कर सकते है।
जिससे हमें और हमारे समाज को निम्न लाभ प्राप्त होंगे – 

  • जातिवाद का भेदभाव दूर होना।
  • जीवनसाथी की चुनाव में अत्यधिक व्यापक स्तर का मिलना।
  • बौद्धिक उपलब्धि होना। 
  • सती प्रथा की समाप्ति होना। 
  • विधवा विवाह को प्रोत्साहन मिलना।
  • दहेज प्रथा का समाप्त होना। 
  • बाल विवाह पर पाबंदी लगाना।
  • समाज के विकास में योगदान को बढ़ावा मिलना। 
  • आर्थिक स्थिति में सुधार। 

अंतरजातीय विवाह(Intercaste Marriage) समाज के जातिवाद को भी खंडित करता है।
यह सौहार्द एवं प्रेम का द्योतक है। इस मार्ग पर चलने वाले पुरुष स्त्री दोनों ही सुख एवं प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। यह विवाह दो विपरीत जाति के लोगों को एक दंपति सूत्र में पिरो देता है। तथा एक दूसरे के मध्य धर्म एवं जाति की संस्कृति के आदान-प्रदान में सहायक होता है।

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन हेतु योजनाएं (Intercaste Marriage Scheme)

अंतर-जाति विवाह योजना(Intercaste Marriage Scheme) के मुख्य उद्देश्य विवाह के माध्यम से जातिवाद को कम करना और समाज में समरसता को प्रोत्साहित करना है।
इसके प्रोत्साहन हेतु केंद्र एवं राज्य सरकारों के माध्यम से विभिन्न योजनाएं चलाई गई है जो निम्न है- 

  •  उत्तर प्रदेश में अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल जोड़े को सरकार की तरफ से 50000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर फंड के तहत 2.5 लाख रुपए की धनराशि भी देने का प्रावधान किया गया है। ताकि नई शादी के बाद जोड़े को किसी भी प्रकार की आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
  •  मध्य प्रदेश सरकार के अंतरजातिय विवाह योजना(Inter Caste Marriage Scheme) के अंतर्गत सामान्य जाति की पुरुष एवं महिला द्वारा अनुसूचित जाति के पुरुष या महिला के साथ विवाह करने पर ₹200000 का प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
    इसी क्रम में राजस्थान सरकार के द्वारा 10 लख रुपए की धनराशि की प्रस्ताव दिया गया है।
  • प्रत्येक राज्य में जिला पदाधिकारी को सामूहिक अंतरजातीय विवाह के आयोजन हेतु ₹25000 की धनराशि  प्रदान की जाती है।
  • निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत विकलांग व्यक्ति के भी विवाह करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
    लाभार्थी को 1,00,000/-रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
  • अंतरजाति विवाह हेतु बिहार की तरफ से ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है और उत्तर प्रदेश में यह आर्थिक सहायता ₹50000 है।

अंतरजातीय विवाह करने पर प्रोत्साहन के रूप में उपरोक्त सरकारें द्वारा अलग-अलग धनराशियाँ प्रदान की जाती है।

निष्कर्ष(Conclusion)

अक्सर हम देखते हैं कि अंतरजातिय विवाह(Intercaste Marriage) करने वाले जोड़े को अक्सर पारिवारिक एवं सामुदायिक झगड़ों ,हिंसा,आत्महत्या एवं मौत जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए उनकी सामाजिक एवं कानूनी अधिकारों की रक्षा हेतु अनुच्छेद 19 और 21 का विस्तार अत्यधिक आवश्यक हो जाता है। जिससे वे अपने मनपसंद व्यक्ति से विवाह कर सकते है। समाज में विभिन्न कार्यक्रमों एवं स्कूली शिक्षा के माध्यम से इस विवाह को जागरूक बनाया जा सकता है। अंतरजातीय विवाह के माध्यम से हम जातिगत भेदभाव का खण्डन कर सकते हैं। जिससे हम समाज में प्रत्येक व्यक्ति के बीच बंधुत्व, एवं उनकी सामाजिक,आर्थिक एवं राजनीतिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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